Thursday, September 25, 2008

तस्वीर वही, नज़र अलग


ये तस्वीर उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में एक कार्यक्रम के दौरान बच्चों के एक आइटम की है। कभी हम भी स्कूल में पीटी करने जाया करते थे... इतना भव्य तो नहीं, लेकिन वो भी अच्छा दिखता था। ख़ास बात ये है कि तब भी हममें से कुछ दाएं कि बजाय बाएं रोल कर जाते थे, ग़लत हाथ या पैर उठा देते थे, ग़लत वक्त पर ताली बजा देते थे.... ये बच्चियां भी ऐसा ही कुछ कर रही हैं.... इतनी सारी लड़कियों में दो की रस्सी एक पोज़ीशन पर ढूंढना आसान नहीं है। मशीनें होतीं तो एक जैसी होतीं.....
ग़लतियां ही आदमी की ख़ूबसूरती है।
{तस्वीर- साभार बीबीसी}

2 comments:

Ek ziddi dhun said...

`ग़लतियां ही आदमी की ख़ूबसूरती है`

देवेंद्र said...

तस्वीर वाकई खूबसूरत है। याद आ गए स्कूल के दिन जब शनिवार को पीटी के लिए सफेद शर्ट-पैंट और जूते पहनकर स्कूल जाते थे। तैयारी कितनी मुश्किल होती थी..।